क्या अक्सर आपसे बात करके लोग सांत्वना महसूस करते हैं? क्या लोग आपको बताते हैं कि आपकी उपस्थिति से उन्हें कितना हौसला मिलता है? क्या आप स्वाभाविक तौर पे लोगों को ध्यान से सुन्ना पसंद करते हैं?
यह एक अनोखा कोर्स है जो माइंडफुलनेस और इनर लिस्निंग (अंतर्मन को सुन पाने) के सिद्धांतों पर आधारित है । कोर्स में उतने ही सिद्धांतों (थीओरी) का उपयोग होगा जो यह सिखलाने में मदद करेंगे कि अनुभवों के द्वारा किसी और के लिए “स्पेस होल्ड” करना (यानी उनके लिए एक निष्पक्ष भाव और समानुभूति के साथ मौजूद होना) कैसा होता हैं ।
किसी और के लिए इस तरह मौजूद होने के लिए हमें ख़ुद की गहराईयों से रूबरू होना ज़रूरी है । इसलिए इस कोर्स की रचना में - ख़ुद से रिश्ता बनाना और ख़ुद पर विचार करना, संप्रदायनिरपेक्ष (नॉन सेक्टरियन) माइंडफुलनेस प्रथाओं का अभ्यास करना, अनुभवी काउंसिलर्स/लिस्नर्स के साथ निजी सत्र और अपने बैच के साथियों के साथ सत्रों में शामिल होना – इन सभी बातों को एहम मानकर इनके लिए जगह बनायी गयी हैं । अपने अंतर्मन को सुनना और ख़ुद की देखभाल करना इस कोर्स के मुख्य घटक हैं ।
मोड्यूल 1 - 13,14,15 अगस्त , 2021
मोड्यूल 2 - 17,18,19 सितम्बर, 2021
मोड्यूल 3 - 8,9,10 अक्टूबर, 2021
पर्यवेक्षण - 20,21 नवंबर, 2021
मोड्यूल 4 - 17,18,19 दिसंबर, 2021
पर्यवेक्षण - 15,16 जनवरी 2022
मोड्यूल 5 - 11,12,13 फ़रवरी, 2022
पर्यवेक्षण - 12,13 मार्च, 2022
मोड्यूल 6 - 8,9,10 अप्रैल, 2022
मूल्यांकन - 26 जून
रु. 45,000 + 18% GST
(व्यक्तिगत काउंसलिंग सत्रों तथा छूटे हुए सत्रों के लिए अतिरिक्त शुल्क).
किसी भी विषय में ग्रेजुएट |
साल के अंत में कोर्स पूरा करने पर आप लोगो के लिए लिसनिंग सेशंस (श्रवण सत्र) या काउंसलिंग उपलब्ध करा सकते हैं। यह सेवाएं आप व्यक्तिगत तौर पर या अपनी संस्था के ज़रिए दे सकते हैं। यह कोर्स उन लोगो के लिए भी उपयुक्त है जो पहले से ही काउंसलिंग क्षेत्र में काम कर रहे हैं।
पाठ्यक्रम की विशेषताएँ :
सहभागी पाठ्यक्रम के दौरान यह सीखेंगे :
2. वक्ता जिस ओर ध्यान दे रहे हैं उसके प्रति प्रामाणिक रूप से इस प्रकार प्रतिक्रिया व्यक्त करना जो वक्ता की ख़ुद की आतंरिक प्रक्रिया (उनकी अपनी वैचारिक प्रक्रिया) के लिए सहायक हो
3. वक्ता का ध्यान उनकी आन्तरिक प्रक्रिया पर इस तरह ले आना की उनकी सहज बुद्धिमत्ता (विजडम) और सम्पूर्णता (व्होलनेस) उजागर हो सके
4. आपके सामने जो भी आये उसको एक खुलेपन से आमंत्रित करना और इस काम के दौरान मिलने वाले वक्ताओं को खुले, प्रेम भरे मन से, ग्राउंडेड रह कर (वर्तमान लम्हे में रह कर उसका अनुभव लेते हुए और अपने शरीर और मन से जुड़ कर) स्थिरता के साथ मिल पाना
5. हर पल होने वाली प्रक्रियाओं पर गहराई से ध्यान देना और सम्पूर्णता तथा बुनियादी अच्छाई में उन्मुख होना
6. इस काम में शारीरिक जागरूकता और सोमेटिक रेजोनेंस (Somatic Resonance) को शामिल करना
7. इस प्रशिक्षण के द्वारा, हम, हर क्षण ख़ुद के अन्दर, वक्ता के अन्दर और दोनों के बीच मौजूद संबंधपरक जगह (रिलेशनल फील्ड) और जागरूकता का बड़ा क्षेत्र – इन सभी में उठने वाली विभिन्न परतों और आयाम पर ध्यान देना सीखेंगे । और जो भी घट रहा है उसके प्रति सचेत और एकलय स्थिति में प्रतिक्रिया करना और उसका सहयोग करना सीखेंगे
8. प्रतिभागी इस तरह की प्रक्रिया में जुड़ना सीखते हैं जो तरल, गतिशील, वर्तमान पर आधारित, समर्थन देने वाली और क्षमता प्रदान करने वाली है। प्रतिभागी यह भी सीखेंगे के अपने सुनने के काम के दौरान कब किसी विशेष प्रकार की सहायता की ज़रुरत पड़ सकती है और उसके अनुसार प्रतिक्रिया देना
9. कोर्स के अंतर्गत प्रशिक्षण सत्र एवं पर्यवेक्षण सत्रों का समावेश होगा । कोर्स के दौरान प्रतिभागियों के लिए ये ज़रूरी है के अभ्यास के तौर पर वो एक वक्ता बनकर काउंसलिंग सत्रों का ग्रहण करें और दूसरों को काउंसलिंग सत्र ऑफर करें। उसके द्वारा सुनने की प्रक्रिया में प्रतिभागी नए आयाम जोड़ सकते हैं
10. प्रतिभागियों को पर्यवेक्षण सत्रों के दौरान उनके काम एवं उनके द्वारा प्रस्तुत की हुईं रिपोर्ट्स (जिसमें लिखित एवं ऑडियो रिकार्डेड सेशंस का समावेश होगा) पर फीडबैक दिया जायेगा
उपस्थिति :
प्रतिभागी के लिए सारे सत्रों मे उपस्थित रहना आवश्यक है। यदि कोई सत्र छूट जाए तो उसे अतिरिक्त शुल्क भर कर प्रशिक्षक के साथ पूरा करना होगा।ऑनलाइन उपस्थिति सत्रों तथा ऑनलाइन समूह पर्यवेक्षण (ग्रुप सुपरविजन) सत्रों के अलावा प्रतिभागियों को कोर्स के हिस्से के तौर पर निम्नलिखित बातें पूरी करनी होगी:
कोर्स समाप्ति के सारे मापदंड पूरे करने पर ही प्रमाणपत्र दिया जाएगा। ऐसे प्रतिभागी जिनकी मनोविज्ञान या सामाजिक कार्य में पृष्ठभूमि (बैकग्राउंड) नहीं, उन्हे माइंडफुलनेस बेस्ड लिसनिंग विथ एम्बोडिड प्रेजेंस प्रमाणपत्र दिया जाएगा।
पाठ्यक्रम फैसिलिटेटर
हरिणी रावल माइंडफुलनेस बेस्ड काउंसलर की भूमिका में जस्ट बीइंग के साथ जुड़ी हुई हैं । हरिणी ने MSW के बाद एजुकेशन में डाक्टरल डिग्री हासिल की है । और पिछले 20 साल से बच्चों के शिक्षा और विकास के क्षेत्र में सक्रिय हैं ।
पाठ्यक्रम रचनाकार
साइकोलोजिस्ट और डायरेक्टर, जस्ट बीइंग
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